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भारत के महान योद्धा ईस्ट इंडिया कंपनी को सबसे पहले पराजित करने वाले

727.  भारत के महान योद्धा ईस्ट इंडिया कंपनी को सबसे पहले पराजित करने वाले #टीपू_सुल्तान के बारे में संघ का कहना है कि वो हिंदू विरोधी थे,


क्यों कि उन्होंने बहुत से पेशवाओ का क़त्ल किया था।

अगर टीपू सुल्तान हिंदू विरोधी होते तो उनकी सेना में जितने मुसलमान थे उतने हिंदू न होते,


संघ ने ये तो बता दिया कि पेशवाओ का क़त्ल टीपू सुल्तान ने किया,
लेकिन क्यों किया...ये क्यों नही बताया? 

पेशवाओ की हत्याएं करने का जो आरोप टीपू सुल्तान पर है वह #त्रावणकोर_राज्य में है। 
जहाँ का मनुवादी राजा एक ऐय्याश और निरंकुश राजा था और उसके जुल्मों से वहाँ की जनता को छुटकारा दिलाने के लिए टीपू ने उस पर आक्रमण किया और युद्ध में त्रावणकोर की सेना में शामिल सारे पेशवा मारे गये।

त्रावणकोर राज्य में एक प्राचीन परंपरा के अनुसार #नंबूदिरी, #नायर, #दलित #नादर जैसी जातियों की #औरतों_को_अपने_शरीर_का_ऊपरी_हिस्सा_ढांकना प्रतिबंधित था।

#नंबूदिरी_औरतों_को_घर_के_भीतर ऊपरी शरीर को खुला रखना पड़ता था। 
वे घर से बाहर निकलते समय ही अपना सीना ढक सकती थीं। 
लेकिन मंदिर में उन्हें ऊपरी वस्त्र खोलकर ही जाना होता था। नायर औरतों को अपना वक्ष खुला रखना होता था। 


सबसे बुरी स्थिति #दलित_औरतों की थी जिन्हें #कहीं_भी_अंगवस्त्र_पहनने_की_मनाही_थी। 
पहनने पर उन्हें सजा भी हो जाती थी। एक घटना बताई जाती है जिसमें एक दलित जाति की महिला अपना सीना ढक कर महल में आई तो रानी अत्तिंगल ने उसके स्तन कटवा देने का आदेश दे डाला। 

इस अपमानजनक रिवाज के अनुसार आदेश था कि "#महल_से_मंदिर तक राजा की सवारी निकले तो रास्ते पर दोनों ओर नीची दलित जातियों की अर्धनग्न कुंवारी महिलाएं फूल बरसाती हुई खड़ी रहें।" 

उस रास्ते के घरों के छज्जों पर भी राजा के स्वागत में औरतों को ख़ड़ा रखा जाता था। राजा और उसके काफिले के सभी पुरुष इन दृष्यों का भरपूर आनंद लेते थे। 


इस अपमानजनक रिवाज के खिलाफ ही टीपू सुल्तान ने इसी अन्याय को समाप्त करने के लिए त्रावणकोर पर आक्रमण किया जिससे त्रावणकोर की सेना के तमाम लोग मारे गए।,
जिसे आज पेशवाओ के वध के रूप में बताकर टीपू सुल्तान का विरोध किया जाता है।

अगर इसका नाम क्रूरता और नरसंहार है तो मैं इस क्रूरता और नरसंहार का समर्थन करता हुं।

#Note:- मैं सिर्फ टीपू सुल्तान के इस कार्य का समर्थन करता हूं ना कि उसके द्वारा उठाए गए हर कदम का, 
हर व्यक्ति के द्वारा कुछ न कुछ गलतियां की ही जाती हैं। 
उन गलतियों का मैं बिल्कुल भी समर्थन नहीं करता हूं

By, BABU GAUTAM

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